अधिकतर लोगों की शिकायत होती है की उनका सोरायसिस ठीक होने के बावजूद भी कुछ समय बाद फिर से वापस आने लगता है | उनके शरीर पर पैचेज फिर से वापस आने लगते हैं सफेद पपड़ी फिर से झड़ने लगती हैं | स्वेलिंग आने लगती है लाल चकते बनने लगते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि वह ऐसी क्या चीजे है जिनके खाने से सोरायसिस बढ़ता है और आपके सोरायसिस को ठीक नहीं होने देता है
यदि आपको सोरायसिस है और आप ट्रीटमेंट लेने के बावजूद भी आप ठीक नहीं हो पा रहे हैं तो आप कुछ न कुछ बड़ी गलतियाँ कर रहे हैं| जिससे आपका सोरायसिस ठीक होने में ज्यादा समय ले रहा है
शुगर ड्रिंक्स(sugary drink) :-
सोरायसिस में शुगर ड्रिंक पीने से बचना चाहिए क्योंकि खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिससे मधुमेह रोग होने का खतरा बना रहता है जिसके कारण सोरायसिस का इलाज करना बहुत मुश्किल हो जाता है
सोरायसिस की मरीज को सॉफ्ट ड्रिंक(soft drink) पीने के नुक्सान कुछ इस प्रकार है
-
शरीर में पानी की कमी :-
कोल्ड ड्रिंक में बहुत अधिक मात्रा में चीनी मौजुद होती है जिसका अधिक सेवन करने से हमारे शरीर में पानी की कमी होने लगती है पानी के कमी ke करण हमारी त्वचा सूखने लगती है जिसका कारण त्वचा पर सफेद पपड़ी झड़ने लगती है और पूरे शरीर पर चकत्ते और लाल धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
-
मधुमेह रोग :-
अपनी दिनचर्या में जरुरत से ज्यादा शुगर लेने पर आपको मधुमेह रोग हो सकता है जिसका सीधा उदाहरण कोल्ड ड्रिंक से जुड़ा हुआ है कोल्ड ड्रिंक में सबसे ज्यादा शुगर कंटेंट और सोडा होता है जिसके कारण हमारे शरीर में मधुमेह रोग होने का खतरा कई ज्यादा बढ़ जाता है
-
हृदय अवरोध :-
ज्यादा चीनी का सेवन करने से हमारे ह्रदय की नर्सो में ब्लॉक(Heart Blockage) आ सकता है जिसका प्रमुख कारण चीनी हो सकता है क्योकि चीनी हमारे रक्त को गाढ़ा करने का काम करती है जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन सकती है
-
फैटी लिवर :-
ज्यादा चीनी का सेवन करने से लिवर पर फैट जमा होने लगता है जिसकी वजह से हमारी प्लेटलेट डाउन होने लगती है और हमे भूख कम लगने लगती हैं |
-
रक्त कोशिकाओं का न बनना :-
हमारे शरीर में लाखों छोटी-छोटी कोशिकाएँ होती हैं जो हमारे शरीर में रक्त प्रवाह का कार्य करती हैं। अगर हम बहुत अधिक चीनी का सेवन करते हैं तो इनके काम करने की गति धीमा हो जाता है जिससे शरीर के अलग अलग अंगों मे खून के थक्के बनने की संभावना बनी रहती हैं |
बहार का खाना (junk food) :-
सोरायसिस के रोगी को हमेशा बहार का भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि कई खाद्य पदार्थों में तेल और मसाले की मात्रा ज्यादा होने से हमारे सोरायसिस को ट्रिगर कर सकते हैं।जिसके कारण हमारे शरीर को लाल चकते और पपड़ी झड़ने लगती है सोरायसिस के रोगियों को हमेशा घर का बना खाना ही खाना चाहिए बहार का खाना उन्हें बंद कर देना चाहिए
-
तीखे मसाले :-
ज्यादा तीखा खाने से हमारे बॉडी का तापमान बढ़ने लगता है जिससे हमारी बॉडी में inflammations बढ़ने लगती है जिसके कारण हमें ईचिंग(खुजली) होने लगती है इससे बचने के लिए हमें गरम मसालों का उपयोग करना बंद कर देना चाहिए और खाना बनाते समय हल्के मसालों का इस्तमाल करना चाहिए |
-
बना हुआ खाना(Processed food) :-
सोरायसिस में हमें प्रोसेस फूड खाने से बचाना चाहिए (जैसे:- बिस्कुट,नमकीन,केक..आदि) प्रोसेस फूड खाने से फाइबर की कमी होने लगती है और जिससे हमारी पाचन संबंधि समस्याएं बढ़ाने लगती हैं (जैसे कब्ज,एसिडिटी,पेट में दर्द,सुजन)
पैकेट वाले खाने को खराब होने से और ताजा रखने के लिए काई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं जो हमारे शरीर पर काफी नुक्सान करते हैं (जैसे:- हमारे शरीर में हृदय रोग, एलर्जी, मानसिक तनाव, मधुमेह, शरीर मे थकावट आदि)
मानसिक तनाव :-
सोरायसिस में मानसिक तनाव का बढ़ना बहुत बड़ा कारण है जिसे नियन्त्रण में करना बहुत जरूरी है मानसिक तनाव बढ़ाने से सोरायसिस भी बनता है इसलिए मानसिक तनाव को कम करे और सोरायसिस को भी स्वस्थ रखें।
- सोरायसिस में ज्यादा तनाव लेने से शरीर में (स्ट्रेस हॉर्मोन) का स्तर बढ़ जाता है जिसकी वजह से हमारे शरीर पर लाल दाने बढ़ सकते हैं
- तनाव हमारी मानसिक बिमारियों का कारण बन सकता है
- तनाव से हमारे शरीर के अलग-अलग हिसों में सुजन आ सकती है
- तनाव के कारण हमे अच्छी नींद नहीं आती,इसलिए हमें अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है |
प्रदुषण :-
- सोरायसिस में धूल मिट्टी से खुद को बचाना चाहिए |
- जितना हो सके उतना धुप लेने की कोशिश कीजिए |
- घर की सफाई करते समय हाथों पर डिटर्जेंट साबुन या गंदगी से अपनी त्वचा पर लगाने से बचना चाहिए ।इसके लिए आप दस्ताने का इस्तेमाल कर सकते हैं
- जहां-जहां पर धूल मिट्टी लगी है, साफ पानी से साफ करके, मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, जिससे हमारी बॉडी पर खुजली वगैरा ना हो|
स्वयं उपचार :-
बहुत से लोग सोरायसिस का स्वयं ही (अपने आप ही) सोरायसिस का इलाज करते हैं, मेडिकल से कोई टैबलेट ले आएं या कुछ ट्यूब ले आएं हमें सोरायसिस का कभी भी स्व-उपचार नहीं करना चाहिए | हमेशा डॉक्टर से पूछ कर ही सही उपचार लेना चाहिए| क्योंकि हम मेडिकल से जो दवा ले कर आये हैं उसमें स्टेरॉयड (steroid)मिला हुआ होता है जिससे हमारी त्वचा पतली हो जाती है steroid का अधिक उपयोग करने से हमारी त्वचा पतली हो जाती हैं,जिससे त्वचा में से रक्त बहने लगता है steroid के अधिक सेवन से हमारे कई अंगों पर असर पड़ता है।(जैसे:- लीवर, किडनी, हार्ट) इसलिए हमें स्ट्रॉड वाली दवाइयाँ हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेनी चाहिए
मौसम में बदलाव:-
● सोरायसिस में हमेशा मौसम के बदलाव पर ध्यान रखना चाहिए । क्योंकि सर्दियों में हमारा सोरायसिस बढ़ जाता है इसकी देखभाल ज्यादा करनी पड़ती है हमें सर्दियों में ।
●सर्दियों में हमेशा बॉडी को तीन बार मॉइस्चराइज़ करें,क्योंकि सर्दियों के मौसम में हमारी त्वचा ज्यादा सुख जाती है ।
●सर्दियाँ में ठंडी हवा से बचने का प्रयास करें और हल्के मुलायम गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें |
निष्कर्ष :-
- सोरायसिस को आप हमेशा गंभीरता से लें ।
- बाहरी खानपान से बचे ।
- ज्यादा मिर्च मसाले और दवाइयों का सेवन कम से कम करे ।
- साल में दो से तीन बार अपनी सोरायसिस की जाँच जरूर करें ।
- हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहें ।